चाणक्य : किसी विदेशी महिला और उससे पैदा होने वाले बच्चे के हाथों में कभी सत्ता नहीं देनी चाहिए :-
कारण पढ़िए :--
जब यूनानी आक्रमणकारी सेल्यूकस चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया और उसकी सेना बंदी बना ली गयी तब उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त मोर्य के पास भेजा.
सेल्यूकस की सबसे छोटी बेटी हेलेन बेहद खुबसूरत थी, उसका विवाह आचार्य चाणक्य ने प्रस्ताव मिलने पर सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया पर उन्होने विवाह से पहले हेलेन और चन्द्रगुप्त से कुछ शर्तें रखीं ; जिसके बाद ही उन दोनों का विवाह हुआ,
1. पहली शर्त यह थी की उन दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य की उत्तराधिकारी नहीँ होगी, और इसका कारण बताया कि हेलेन एक विदेशी महिला है, और उसका भारत के पूर्वजों से उसका नाता नहीँ है, भारतीय संस्कृति से हेलेन पूर्णतः अनभिग्य है.
2. दूसरा कारण बताया कि हेलेन विदेशी शत्रुओं की बेटी है, उसकी निष्ठा कभी भारत के साथ नहीं हो सकती.
3. तीसरा कारण बताया कि हेलेन का बेटा विदेशी माँ का पुत्र होने के नाते उसके प्रभाव से कभी मुक्त नहीँ हो पायेगा और भारतीय माटी, भारतीय लोगों के प्रति पूर्ण निष्ठावान नहीं हो पायेगा.
4. एक और शर्त चाणक्य ने हेलेन के सामने रखी कि वह कभी भी चन्द्रगुप्त के राज्य कार्य में हस्तक्षेप नहीँ करेगी और राजनीति और प्रशासनिक अधिकार से पूर्णतया विरत रहेगी; परंतु गृहस्थ जीवन में हेलेन का पूर्ण अधिकार होगा.
कारण पढ़िए :--
जब यूनानी आक्रमणकारी सेल्यूकस चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया और उसकी सेना बंदी बना ली गयी तब उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त मोर्य के पास भेजा.
सेल्यूकस की सबसे छोटी बेटी हेलेन बेहद खुबसूरत थी, उसका विवाह आचार्य चाणक्य ने प्रस्ताव मिलने पर सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया पर उन्होने विवाह से पहले हेलेन और चन्द्रगुप्त से कुछ शर्तें रखीं ; जिसके बाद ही उन दोनों का विवाह हुआ,
1. पहली शर्त यह थी की उन दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य की उत्तराधिकारी नहीँ होगी, और इसका कारण बताया कि हेलेन एक विदेशी महिला है, और उसका भारत के पूर्वजों से उसका नाता नहीँ है, भारतीय संस्कृति से हेलेन पूर्णतः अनभिग्य है.
2. दूसरा कारण बताया कि हेलेन विदेशी शत्रुओं की बेटी है, उसकी निष्ठा कभी भारत के साथ नहीं हो सकती.
3. तीसरा कारण बताया कि हेलेन का बेटा विदेशी माँ का पुत्र होने के नाते उसके प्रभाव से कभी मुक्त नहीँ हो पायेगा और भारतीय माटी, भारतीय लोगों के प्रति पूर्ण निष्ठावान नहीं हो पायेगा.
4. एक और शर्त चाणक्य ने हेलेन के सामने रखी कि वह कभी भी चन्द्रगुप्त के राज्य कार्य में हस्तक्षेप नहीँ करेगी और राजनीति और प्रशासनिक अधिकार से पूर्णतया विरत रहेगी; परंतु गृहस्थ जीवन में हेलेन का पूर्ण अधिकार होगा.
भमावत
थूर, उदयपुर , मेवाड़
मो. 0917891529862
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